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क्या Consciousness को Science Explain कर सकता है?

क्या Consciousness को Science Explain कर सकता है?

Science Explain Consciousness
Consciousness 


हमारे DNA का 98% हिस्सा समान होता है, और सिर्फ 2% हमें दूसरों से अलग बनाता है। यह 2% हिस्सा मुख्य रूप से हमारे Neurological सिस्टम में प्रकट होता है। DNA के अंदर लगभग 300 करोड़ न्यूक्लियोटाइड बेस होते हैं, जिनमें से 2% यानि लगभग 6 करोड़ बेस, हर इंसान को बाकी सभी से अलग बनाते हैं। इन न्यूक्लियोटाइड बेस के विभिन्न संयोजन (Permutation और Combination) के आधार पर, हर व्यक्ति के विचार अनंत संभावनाओं में चलते रहते हैं।  


यह प्रक्रिया Quantum Mechanics की "Superposition State" के समान है, जिसमें Consciousness तब उभरती है जब यह Superposition से एक "Particular State" में आ जाती है। इस प्रक्रिया को Roger Penrose ने एक "Interference Pattern" के माध्यम से समझाने की कोशिश की थी। हालांकि, इस विचार के सामने एक चुनौती थी। Penrose के अनुसार, हमारे ब्रेन के Neurons Quantum Superposition के लिए बहुत बड़े होते हैं, और इतने बड़े स्ट्रक्चर में Superposition होना लगभग असंभव है।  


Stuart Hameroff की खोज  

इस थ्योरी को आगे बढ़ाने का श्रेय Anesthesiologist Stuart Hameroff को जाता है। उन्होंने Penrose की बुक पढ़ने के बाद, उनसे संपर्क किया और बताया कि उनका विचार Neurons के बजाय उनके अंदर मौजूद Microtubules पर लागू किया जा सकता है।  


Hameroff के अनुसार, Neurons अपने Synaptic Terminals पर जो Neurotransmitters रिलीज़ करते हैं, वे Microtubules के माध्यम से अनगिनत दिशाओं में यात्रा करते हैं। ये Microtubules Quantum Mechanics की तरह अनंत संभावनाएं उत्पन्न करते हैं। जब हम किसी विशेष चीज़ के बारे में सोचते हैं, तो ये अनंत संभावनाएं Collapse हो जाती हैं, और Neurotransmitters एक निश्चित दिशा में यात्रा करने लगते हैं।  


Microtubules और Consciousness का संबंध  

Microtubules का जाल Neurons को एक दिशा में Signal भेजने के लिए प्रेरित करता है, जिससे हमारा दिमाग किसी विशेष विचार को महसूस कर पाता है। यह प्रक्रिया Quantum Mechanics की Properties से मेल खाती है और Consciousness की एक अनोखी व्याख्या प्रदान करती है।  


 विज्ञान और Consciousness पर बहस  

हालांकि, आज भी कई वैज्ञानिक, भौतिकविद और दार्शनिक इस रिसर्च को मान्यता नहीं देते। उनका मानना है कि Consciousness कोई भौतिक (Physical) प्रक्रिया नहीं है, इसलिए इसे Quantum Physics के माध्यम से नहीं समझा जा सकता।  

भविष्य की संभावना  

अगर यह सिद्धांत सही साबित होता है, तो Consciousness को विज्ञान के जरिए समझा और कृत्रिम रूप से बनाया जा सकता है। यह खोज मानवता के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है।  


अगर आपको यह लेख पढ़कर कुछ नया सीखने को मिला हो और Consciousness को लेकर आपका नजरिया स्पष्ट हुआ हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।  

हमेशा जिज्ञासु बने रहें, सीखते रहें, और आगे बढ़ते रहें। जय हिंद!

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